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चेचक कैसे होता है
चेचक जिसे अंग्रेजी में चिकन पॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक सभ्यताओं के अनुसार इसे माता के नाम से भी जाना जाता है। इस आर्टिकल में हम, चेचक कैसे होता है, इसके लक्षण और चेचक में सावधानियां तथा इलाज के बारे में बात करने वाले है।
चेचक हमारे शरीर में प्रवेश करने वाला एक खास प्रकार के वायरस से फैलने वाला एक संक्रमण है। जब हमारे शरीर में श्वसन पथ, लार या थूक के जरिए वैरिसेला-ज़ोस्टर नाम का एक वायरस प्रवेश करता है, तो हमारे शरीर में छोटे – बड़े दाने और सर्दी खांसी जुकाम के साथ इंसान को असहनीय पीड़ा वाली समस्या पैदा करता है।
चेचक एक प्रकार की फैलने वाली बीमारी है, जो की डायरेक्ट संपर्क या नमी रहित वातावरण के कारण भी आपको संक्रमित कर सकती है। जब किसी व्यक्ति को चिकन पॉक्स होता है, तो उस व्यक्ति को अकेले रहने के लिए बोला जाता है, क्योंकि उसके संपर्क में आने पर अन्य लोगों को भी चेचक होने की संभावना होती है।
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चेचक के लक्षण
वैसे तो चेचक होने पर हर किसी व्यक्ति को उसके लक्षण दिखाई देने पर पहचान में आ जाता है, कि वह चेचक ही है। लेकिन, फिर भी चेचक के कुछ अपने लक्षण है, जिसको निम्नलिखित बताया गया है।
- शरीर पर छोटे या बड़े आकार में दाने दिखाई देना।
- दाने वाले स्थान पर अत्यधिक खुजली होना।
- बुखार लगना।
- खांसी और सर्दी होना।
- दाने वाले जगह पर जलन होना।
- भूख में कमी होना।
- अत्यधिक कमजोरी होना।
- बहुत ज्यादा गर्मी लगना।
चेचक में सावधानियां
चेचक में सावधानियां बरतने से पहले हमें चेचक का मुख्य जड़ जानना बेहद जरूरी है।
1. चेचक हो जाने पर हमारी सबसे पहले सावधानियां यह होती है कि हम अपने आप को किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे।
2. चेचक के दानों को फोड़ने से वहां पर दाग हो सकती है, तो चेचक में सावधानियां यह है, कि दानों को ना फोड़े।
3. यदि आपको चेचक हो गई है, तो गर्म या गरम तासीर वाली चीजों को खाने से बचें।
4. चेचक एक फैलने वाली संक्रामक बीमारी है, जिसमें साफ सफाई का होना बेहद जरूरी है। चेचक में सावधानियां : अपने आप को हमेशा साफ सुथरा रखें।
5. चेचक में सावधानियां : चेचक के दानों के अंदर तरल पदार्थ भरी होते हैं। यदि आप स्नान करते हैं, तो उनके दाने फूटने और उसके अंदर पानी घुसने का डर रहता है। पानी घुसने से दानों के अंदर मवाद भी बन सकता है।
6. नवजात दानों पर क्रीम या किसी भी प्रकार के साबुन या फेस वॉश को लगाने से बचे।
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चेचक का इलाज
चेचक एक वायरल बीमारी है, जिसका कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन acyclovir जैसी एंटीवायरस दवाओं से इसका ट्रीटमेंट किया जाता है। चेचक का पीरियड काल 10 से 15 दिनों तक होता है। वैसे तीन से चार दिनों में चेचक के दाने अपने आप मुरझाने लगते हैं।
वैसे चेचक के कुछ निम्नलिखित इलाज है, जिसको अपना कर आप उसके कारण होने वाली समस्याओं को रोक सकते हैं।
1. नीम के पत्तियों से घिराओ।
चेचक होने पर आप नीम की पत्तियों का बिस्तर और उसके पत्तों से दानों – दानों की खुजलीयों को शांत कर सकते हैं। नीम की पत्तियों में एंटीवायरस गुण होता है जो की वैरिसेला-ज़ोस्टर वायरस के विरुद्ध उसको मार भगाने का काम करता है।
2. कैलामाइन लोशन को लगाए।
चेचक में सावधानियां हमें किसी प्रकार के क्रीम लगाने से बचनी चाहिए। लेकिन, चेचक का इलाज कैलामाइन लोशन के जरिए किया जाता है। कैलामाइन लोशन को चेचक के दोनों पर लगाने से खुजली और जलन जैसी समस्या से राहत मिलती है।
3. तिल तेल और रस कपूर का लेप लगाए।
कुछ लोगों में चिकन पॉक्स का संक्रमण होने पर किसी भी प्रकार के दवाएं और लोशन लगाने पर आराम नहीं मिलती है। कोई भी दवा के सेवन से यदि आपको खुजली और जलन से राहत नहीं मिल रही है, तो चेचक का इलाज के लिए तिल तेल और रस कपूर रामबाण साबित होता है।
200 ml तिल तेल में दो मटर के दाने के बराबर रस कपूर को तोड़कर बारीकी से पीस ले फिर उसको तिल के तेल के अंदर मिक्स कर ले।
आपके द्वारा बनाए गए इस तेल को सुबह शाम दानों के ऊपर लगाने से खुजली और जलन से तुरंत राहत मिलती है। इस पेस्ट को लगाते समय चेचक में सावधानियां यह होनी चाहिए कि कोई भी दाना फूटे नहीं।
4. पेरासिटामोल का सेवन करें।
चेचक होने पर शरीर में दर्द और बुखार जैसी लक्षण दिखाई देते हैं। शरीर में होने वाली बुखार को कम करने के लिए पेरासिटामोल जैसी दवाओं का सेवन कर सकते हैं, जो की दर्द को भी कम करती है।
5. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।
जब किसी व्यक्ति को चिकन पॉक्स का संक्रमण होता है, तो उसके अंदर डिहाइड्रेशन होने की समस्या ज्यादा रहती है। चेचक होने पर शरीर में हुई पानी की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करनी चाहिए।
6. नारियल तेल को लगाए।
चेचक का इलाज नारियल तेल के लेप लगाने से भी किया जाता है। नारियल तेल के अंदर मॉइश्चराइजर और एंटीवायरस गुण होते हैं। शरीर पर हुई दानों पर नारियल तेल लगाने से मुलायम और उसमें उपस्थित वायरस के विरुद्ध लड़ने वाली गुड दानों को जल्दी भरने में सहायता करती है।
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चेचक में भोजन क्या खानी चाहिए।
चिकन पॉक्स में खाए जाने वाले भोज्य पदार्थों की कई सारी लिस्ट है, लेकिन कुछ उस समय हानिकारक भी होती है। आइए निम्नलिखित के माध्यम से जानते हैं, चिकन पॉक्स में हमारे लिए खाए जाने वाले बेहद गुणकारी और स्वास्थ्य के लिए सही खाद्य पदार्थ क्या है।
1. चेचक होने पर शरीर की गर्मी बढ़ जाती है, जिसको शांत करने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजों को खानी चाहिए। जैसे : दही, खीरा, गन्ने का जूस, लौकी, पालक, तरबूज, नारियल पानी, छाछ इत्यादि।
2. चेचक का संक्रमण होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसकी भरपाई करने के लिए तरल पदार्थ को समय-समय पर लेते रहनी चाहिए। जैसे : नारियल पानी, ors, नींबू पानी, शुप इत्यादि।
3. कितने लोगों को चेचक के दाने गले के अंदर हो जाते हैं। जिन लोगों को गले के अंदर परेशानी होती है, उन लोगों के चेचक में भोजन नरम और आरामदायक भोजन करनी चाहिए। जैसे :- दलिया, खिचड़ी, चाय ब्रेड, साबूदाना की खिचड़ी।
4. चेचक होने के दौरान प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करनी चाहिए। चेचक के दौरान त्वचा पर हुई दाने के कारण मरे हुए सेल्स को मरम्मत करने के लिए प्रोटीन काफी जरूरी होता है। प्रोटीन के लिए चेचक में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों के रूप में आप मुंग, मसूर की दाल को सेवन कर सकते है।