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ज्यादा नींद आना
नींद हमारी जीवन की एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि हमारे शरीर को रिलैक्स करके अन्य कई सारी क्रियाओं को सुचारू ढंग से चलने में मदद करती है। कोई व्यक्ति कितना भी थका हुआ हो नींद लेने से उसकी थकावट क्षण भर में दूर हो जाती है। ज्यादा नींद आना कई समस्याओं का संकेत हो सकता है, लेकिन समान मात्रा में नींद इंसान को अंदर से काफी फुर्तीला महसूस कराती है।
आवश्यकता से अधिक नींद आना या ना आना इंसानों की शारीरिक प्रक्रिया और उसके मानसिक संतुलन पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है। पर्याप्त और स्वस्थ नींद इंसान की आदतों को सुधार कर फुर्तीला बनाती है, जिससे रोजाना के कामकाज में सुधार होता है।
लोगों में ज्यादा सोने की बीमारी होती है रात में भरपूर नींद लेने के बाद भी सुबह के समय वह अपने आप को फुर्तीला महसूस नहीं कर पाते हैं। रात के नींद के बावजूद भी दिन में ऑफिस, स्कूल और अन्य कई कामों को करते वक्त नींद की झपकियां लेते रहते हैं। इस समस्या से परेशान लोग “ज्यादा नींद आना किस बीमारी के लक्षण है” ऐसा प्रश्न का जवाब खोजने लगते हैं। भरपूर नींद के बावजूद भी नींद आने की बीमारी को हाइपरसोम्निया के नाम से जाना जाता है।
ज्यादा नींद आना किस बीमारी के लक्षण है
ज्यादा नींद आने की समस्या को हाइपरसोम्निया के नाम से जानते हैं, लेकिन ज्यादा नींद आने के कई सारे कारण और बीमारियां हो सकती है जिसको निम्नलिखित करके बताया गया हैं।
1. नशीली पदार्थ का सेवन से ज्यादा नींद आना।
ज्यादा मात्रा में शराब या नशीली पदार्थ का सेवन करने से लोगों में नींद की समस्या आवश्यकता से अधिक बढ़ जाती है। नशीली पदार्थ डायरेक्ट हमारे तंत्रिका तंत्र पर असर करती है, जिससे इंसान काफी ज्यादा रिलैक्स महसूस करता है और नींद आने लगती है। शराब पीने से हमारे शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन रिलीज होता है जो की नींद को ट्रिगर करता है और ज्यादा नींद आती है।
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2. हाइपोथायरायडिज्म में ज्यादा नींद आना।
हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी समस्या है जिसमें हमारी थायराइड ग्रंथियां कम मात्रा में थायराइड हार्मोन बनती है। थायराइड हार्मोन कम होने के कारण मेटाबॉलिक प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है, जिससे ज्यादा नींद आने की समस्या और थकान महसूस होने लगती है।
3. दवाओं के सेवन से ज्यादा नींद आना।
कुछ दवाई ऐसी होती है जिसको खाने से साइड इफेक्ट या अलग से नींद की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। ओपिओइड ग्रुप के पेन किलर कॉर्टिकोएस्टेरॉइड या अल्प्राजोलम जैसे की सेंट्रल नर्वस सिस्टम एंटी डिप्रैशन मेडिसिन खाने से आपको नींद की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। यह मेडिसिन तंत्रिका तंत्र पर काम करके दर्द को कम कर नींद को बढ़ावा देती है।
4. मिर्गी में दिन में नींद आना।
अक्सर मिर्गी वाले लोगों में रात के समय मिर्गी के दौरे पड़ने पर उनके नींद की गुणवत्ता में खराबी आ जाती है। जिन लोगों को मिर्गी की समस्या होती है उनमें नींद न आने की वजह से दिन में नींद आना आम हो जाता है। मिर्गी के मरीजों में दिमागी प्रक्रिया सही नहीं रहती है, जिससे हार्मोन में भी गड़बड़ी आ जाती है और इंसान को नींद की समस्या होने लगती है।
5. विटामिन D और B12 की कमी होने पर।
विटामिन डी और विटामिन बी12 हमारे शरीर में एक तरीके से फ्यूल का काम करते हैं। ज्यादा नींद आना इसके पीछे का कारण विटामिन डी और विटामिन बी12 की कमी भी हो सकता है। यदि आपको इन दोनों विटामिन की कमी है, तो थकान कमजोरी और ज्यादा नींद लगने की समस्या हो सकती है।
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