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एड्स से बचने के उपाय स्टेम सेल ट्रांसप्लांट – 1 Surprising discoveries till date

By healthmonitorhindi.com

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एड्स क्या है

एड्स एक ऐसी बीमारी है जो की दिन प्रतिदिन दुनिया में इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। एड्स से बचने के उपाय सुरक्षात्मक शारीरिक संबंध है। हाल ही में इंडिया में बढ़ रहे एचआईवी के मामले को लेकर लोगों में सनसनी बनी हुई है। एड्स ना केवल बीमारी है, बल्कि सामाजिक तौर पर इंसान को अंदर से काफी कमजोर बना देती है।

एड्स से बचने के उपाय

सन 1981 में पहली बार एड्स नाम की बीमारी का खोज हुआ। फिर और रिसर्च हुई और बाद में पता चला कि एड्स नाम की होने वाली यह बीमारी एचआईवी वायरस जिसे “ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस के नाम से जानते हैं” के कारण फैलता है। एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका आज तक कोई तोड़ नहीं निकला है। फिर भी लोग इस दुविधा में पड़े रहते हैं कि उनका एचआईवी वायरस का इंफेक्शन ठीक हो गया है।

जब एचआईवी वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो कुछ दिनों में अपनी संख्या कई गुना बढ़ा लेता है। एचआईवी वायरस हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में काफी ज्यादा गिरावट मिलती हैं। यह वायरस हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के कोशिकाओं को मारकर उनके मदद से अपनी संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी लाता है।

एड्स को तो खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन एड्स से बचने के उपाय है, जिससे आपको सावधानी बरतनी चाहिए।

और पढ़े –  एचआईवी क्या है लक्षण कारण और इलाज

एड्स से बचने के उपाय 

एचआईवी का वायरस  हमारे शरीर में पहुंचने के बाद जिस रास्ते के जरिए हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली में प्रवेश करता है उसका नाम होता है “CXCR4″। CXCR4 हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली में प्रवेश करने का रास्ता होता है जिसके जरिए एचआईवी वायरस प्रवेश कर अपनी संख्या को बढ़ाता है।

वैज्ञानिकों द्वारा एक रिसर्च में यह पाया गया कि अगर इस रास्ता को किसी भी तरीके के माध्यम से बंद कर दिया जाए तो एचआईवी वायरस के इंफेक्शन को रोका जा सकता है। कई रिसर्च के बाद यह पता चला कि यूरोप के लोगों में कुछ ऐसी जेनेटिक गुण होती है, जिसमें “CXCR4” को बंद करने का रास्ता उनके प्रतिरक्षा प्रणाली में उपस्थित है।

वैज्ञानिकों द्वारा की जाने वाली यह खोज के कारण एचआईवी वायरस से पीड़ित लोगों के रिकवरी में एक अलग ही आशा जगी। जिस बीमारी को कभी ना ठीक होने वाली बीमारी का दर्जा दिया गया, इस खोज के जरिए उस बीमारी से 3 लोगों को ठीक किया गया जिसमें दो पुरुष और एक महिला उपस्थित है।

एड्स से बचने के उपाय यह है, कि जिन 3 लोगों को एचआईवी वायरस के संक्रमण होने के कारण एड्स हो गया था उन लोगों को यूरोप के लोगों की प्रतीक्षा प्रणाली को संक्रमित लोगों के प्रतीक्षा प्रणाली से रिप्लेस कर दिया गया। इस प्रक्रिया को स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के नाम से जाना गया।

एड्स से बचने के उपाय स्टेम सेल ट्रांसप्लांट एक मात्र ऐसी प्रक्रिया है जो कि उन्हीं लोगों में संभव है, जिनको ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर के साथ-साथ एड्स की बीमारी है। ब्लड कैंसर में खून के ट्रांसप्लांट के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली भी बदल दी जाती है।

वैसे मैं यदि आपके इलाके में एड्स की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है तो एड्स से बचने के उपाय यही है कि आप अपने को उन लोगों से दूरी बनाए रखें। दूरी बनाने का मतलब की सेक्स के प्रति काफी सतर्कता बरते। कभी भी दूसरे के ब्लड को अपने ब्लड से कांटेक्ट ना होने दे। किसिंग करते वक्त या ऐसी कोई भी एक्टिविटी करते वक्त जिसमें आपका थूक या खून दूसरे के थूक या खून से मिक्स हो करने से पहले एड्स की पहचान कर ले।

एड्स की पहचान करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।  –    एड्स की पहचान कैसे करें।

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