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चिंता (डिप्रेशन)
इस भाग दौड़ के जीवन में हर कोई अपने आप को सफल और सभ्य दिखना चाहता है। लोगों में इस प्रतियोगिता के कारण एक दूसरे को पछाड़कर आगे निकलने की चिंता बढ़ती जा रही है। इस आर्टिकल में हम “चिंता के लक्षण और उपाय” के बारे में बात करने वाले हैं। लोग ना चाहते हुए भी चिंता का शिकार बनते जा रहे हैं. इसका एक ही कारण है अपनी स्थिरता में गति लाना और दूसरों के तरक्की पर जलना।
चिंता के लक्षण और उपाय तो बहुत सारे हैं, लेकिन इससे बचने के लिए सबसे पहले अपनी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था पर मजबूती लानी पड़ती है। चिंता के कोई भी सटीक दवा नहीं बनी है, लेकिन फिर भी उसको अपनी मानसिक संतुलन के जरिए दूर किया जा सकता है। चिंता करने वाले व्यक्तियों के शरीर बाहर से तो देखने में जितने अच्छे होते हैं अंदर से उतने ही खोखले हो जाते हैं। चिंता कोई बीमारी नहीं है लेकिन इसके प्रभाव इंसान को अंदर से काफी कमजोर बना देती है।
जीवन में तरक्की के लिए चिंता करना तो जरूरी है, लेकिन इंसान इस भाग दौड़ की दुनिया में बीता हुआ समय और आने वाले समय को लेकर इतने ज्यादा चिंतित हो जाते हैं कि मानसिक रोग का शिकार बन जाते हैं। किसी भी एकाएक घटित समस्या को सुनकर लोग उसके सोच में पड़ जाते हैं जिसे चिंता के रूप में जाना जाता है। यह समस्या लोगों के चल रही सुलभ जिंदगी को नर्क बना देती है। चिंता के लक्षण और उपाय किसी भी मुश्किल घड़ी को शांत मन और सही समय पर हैंडल करें। और किसी भी घटना को लंबे समय तक ना सोचे।
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चिंता के लक्षण और उपाय
चिंता के लक्षण और उपाय तो यह है कि लोग मानसिक रूप से संतुलन खो देता है, लेकिन उसके अलावा और भी संकेत देखते हैं जिनको निम्नलिखित एक-एक करके बताया गया है।
चिंता के लक्षण
- बेचैनी ।
- नींद में कमी ।
- भूख न लगना ।
- अस्थिर मन।
- ध्यान को केंद्रित न कर पाना।
- सर में दर्द बना रहना।
- कब्ज की समस्या।
- वजन का बढ़ना ।
- आत्महत्या का विचार आना।
- डर लगना और डरावने सपने आना।
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चिंता से बचने का उपाय
चिंता से बचने के लिए आपको वैसी हर चीजों को करनी चाहिए जिसमें आपको खुशी महसूस हो। वह कौन सी चीज हैं जो कि आपको चिंता से बचा सकती है चलिए समझते हैं।
1. अपने मन पसंदीदा म्यूजिक सुने।
डिप्रेशन के मरीजों में म्यूजिक सुनना रामबाण साबित होता है। ज्यादा चिंता करने से दिमाग में उपस्थित तांत्रिक कोशिकाओ को नुकसान पहुंचाने लगती है। चिंता के लक्षण और उपाय यह है की म्यूजिक सुनने से तंत्रिका तंत्र कोशिकाएं काफी तेजी से मरम्मत होती है। म्यूजिक सुनने से माइंड फ्रेश रहता है और इंसान के दिमाग में गलत विचार नहीं आते हैं।
2. कम सोचे और कुछ करते रहे।
सोचना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोग काफी कमजोर और डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। लोगों को फ्यूचर और पास्ट की बीती हुई बातों को लेकर टेंशन बनी रहती है। लोग बीता हुआ कल और आने वाले कल को लेकर इतने ज्यादा चिंतित होते हैं कि उनके दिमाग पर काफी ज्यादा असर पड़ता है। यदि आप खाली बैठे रहते हैं तो भी आपके दिमाग में गलत गलत विचार आते रहते हैं। यदि आप चिंता से मुक्त होना चाहते हैं तो कुछ ना कुछ करते रहें ताकि आपके दिमाग में कुछ गलत विचार न आए।
3. अपने लोगों के साथ समय बिताए।
चिंता से बचने के लिए अपने लोगों के साथ समय बिताना चाहिए। अपने लोगों के साथ समय बिताने पर अपनी-अपनी विचार सजा होती है जिससे दिमाग हल्का होता है, और दिमाग पर कम असर पड़ता है। जब भी आपको लगे की आज की आपकी चिंताएं बढ़ रही है तो अपने मन पसंदीदा दोस्तों से बात करें उनके साथ समय बिताए।
4. हर दिन सुबह उठे।
सुबह प्रातः काल उठने से लोगों में एक अलग ही एनर्जी आती है। जो लोग सुबह उठते हैं उनके दिमाग काफी फ्रेश रहती है और दिन भर काफी एनर्जेटिक महसूस करते हैं। चिंता के लक्षण और उपाय यह है कि आप रोजाना सुबह 6:00 बजे के पहले उठे।
5. बातों को अनदेखा करे।
जीवन में सबसे बड़ी समस्या होती है दूसरे की बातों पर गौर करना। आजकल लोग एक दूसरे को उच्च नीच दिखाने में अपनी जुबान से कुछ भी घटिया बातें बोल देते हैं, जिससे सामने वाले को काफी ठेस पहुंचती है। जीवन में चिंता के लक्षण और उपाय की बात करे तो सबसे बड़ी जो चीज होती है, वह है दूसरों की बातों को नजर अंदाज करना।
6. लंबी सांस रोके और छोड़े।
हमारे दिमाग पर हमारे स्वास्थ्य प्रक्रिया भी एक ऐसी शक्ति है जो की दिमागी संतुलन को काफी हद तक बनाए रखती है। चिंता से मुक्त होने के लिए अपने स्वास्थ्य को लंबे खींचे और कुछ देर तक होल्ड करके रखें, फिर उसे श्वास को धीरे-धीरे छोड़ें। यह प्रक्रिया 8 से 10 बार करें। रोजाना एक महीना तक करने पर आपके अंदर काफी बदलाव देखने को मिलेगा।
7. योग अभ्याश करे।
योग और अभ्यास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप चिंता मुक्त होकर पूरे तरीके से स्वस्थ हो सकते हैं। योगा करने से हमारे शरीर में हैप्पी हार्मोन की संख्या बढ़ती है जिससे हम खुश रहते हैं. और नकारात्मक विचार हमारे दिमाग में नहीं फैलते हैं।