टाइफाइड के लक्षण, कारण,और इलाज — 6 surprising ways to get rid of typhoid

टाइफाइड

टाइफाइड एक प्रकार का बुखार है जो की बैक्टीरिया के फैलने के कारण होता है। इस आर्टिकल में हम टाइफाइड के लक्षण सहित उपचार और बचाव के बारे में जानेंगे तो अंत तक पढ़ना बिल्कुल ना भूले। टाइफाइड एक ऐसा बुखार है जिसे आंत्र ज्वर के नाम से भी जाना जाता है। जब टाइफाइड नाम का बैक्टीरिया हमारे खाने या दूषित पानी के जरिए हमारे पेट में प्रवेश करता है तो हमारी आंतों को इनफैक्ट करके उनको नुकसान पहुंचाते हैं।

टाइफाइड के लक्षण

टाइफाइड बुखार से हमारे पेट में उपस्थित कई सारे अंग संक्रमित हो जाते हैं। इसके अलावा टाइफाइड बुखार में सिर, फेफड़ा, जॉइंट्स और अन्य अंग भी प्रभावित हो जाते हैं। टाइफाइड बुखार एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका उपचार न किया जाए तो हमारी आंतों में छेद हो जाती है, जिससे आंतरिक रक्तस्राव की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

इंडिया में टाइफाइड का होना एक आम समस्या है।साल्मोनेला टाइफ़ी नाम के बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति में यह रोग टाइफाइड बुखार के नाम से पहचाना जाता है। हर साल इंडिया में 1 से 2 करोड़ लोग टाइफाइड से संक्रमित होते हैं, जिसके कारण लोगों के मरने की संख्या 1 से 1.5 लाख होती है। टाइफाइड बुखार किसी भी उम्र के लोगों को अपने चपेट में ले सकता है। टाइफाइड बुखार होने पर इसके लक्षण भी बहुत सारे होते हैं, जिनको निम्नलिखित बताया गया है।

टाइफाइड के लक्षण

हमारी छोटी आंत को संक्रमित करने वाली साल्मोनेला टाइफ़ी बैक्टीरिया के कारण फैलने वाली इस बीमारी टाइफाइड के लक्षण सामान्य बुखार से मिलते जुलते हैं, लेकिन काफी अलग होते हैं। टाइफाइड के लक्षण निम्नलिखित है जिसको एक-एक करके बताया गया है।

103° या 104° F तक बुखार रहना।

लगातार बुखार का रहना।

सर दर्द  

शरीर में काफी ज्यादा दर्द रहना।

काफी ज्यादा कमज़ोरी होना।

भूख में कमी।

पेट में दर्द बना रहना।

ज्यादातर कब्ज बना रहना या दस्त होना।

मतलि या उल्टी की समस्या होना।

15 से 20% लोगों में संक्रमण के दो हफ्ते बाद छाती पर या पीठ पर गुलाबी धब्बों का दिखाई देना।

हो सकता हैं कि ये सारे टाइफाइड के लक्षण में से कुछ आप में मिलता हो और कुछ ना मिलता हो तो घबराने की जरूरत नहीं है। टाइफाइड बुखार की पहचान उसके लक्षणों के अलावा क्लीनिकल फंडिंग और ब्लड टेस्ट, स्टूल कल्चर के जरिए किया जाता है।

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टाइफाइड बार-बार क्यों होता है 

टाइफाइड के लक्षण

इंडिया में टाइफाइड का बार-बार होना एक आम समस्या है। हर गांव या कस्बों में लोगों की आबादियों में से कुछ व्यक्तियों का टाइफाइड बुखार का होना निश्चित होता है। वैसे मैं प्रश्न उठता है,” टाइफाइड बार-बार क्यों होता है “,” टाइफाइड कितने दिन तक रहता है”। टाइफाइड दूषित खाना या तरल पदार्थ के सेवन से होता है। दूषित भोजन में साल्मोनेला टाइफ़ी नाम के बैक्टीरिया पाए जाते हैं इसके सेवन से वह हमारे पेट में प्रवेश कर जाते हैं।

टाइफाइड एक फैलने वाली बीमारी भी मानी जाती है। यदि टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति का जूठा भोजन या पानी या थूक का बूंद, आपके संपर्क में आता है तो आपको भी टाइफाइड बुखार होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। वैसे में आप उस व्यक्तियों से दूर रहे जो टाइफाइड से संक्रमित है।

कई जगहों पर इकट्ठे पानी या तालाबों में एक ही साथ कई व्यक्तियों के नहाने से भी टाइफाइड फैलने का सम्भावना काफी रहता है। अक्सर होता यह है कि टाइफाइड बुखार से संक्रमित व्यक्ति के उस तालाब में पेशाब करने या मल त्यागने के कारण बैक्टीरिया उस पानी में प्रवेश कर जाती है। उस दूषित पानी में नहाने से स्वस्थ व्यक्ति भी टाइफाइड बुखार से संक्रमित हो जाता है।

उन लोगों में भी टाइफाइड के लक्षण आ जाते हैं जो लोग घर में एक ही बाथरूम का उपयोग करते हैं। एक ही बाथरूम का उपयोग करने से स्टूल में मौजूद बैक्टीरिया दूसरे व्यक्ति के गुदा द्वार से उसके अंदर प्रवेश कर सकती है। और टाइफाइड के लक्षण के साथ-साथ गंभीर समस्या पैदा कर सकती है।

टाइफाइड बार-बार क्यों होता है, यह समस्या काफी गंभीर है और लोगों के मन में टाइफाइड के लक्षण क्या है. यह सवाल उठते रहता है। कुछ गलतियां तो अनजाने में हो जाती है और कुछ गलती लोग जानबूझकर करते हैं, जिनके वजह से उन्हें टाइफाइड बार-बार झेलना पड़ता है। टाइफाइड बुखार के ट्रीटमेंट होने के बाद जब टाइफाइड के लक्षण खत्म हो जाती है तो लोग दवाई लेना बंद कर देते हैं।

जब टाइफाइड के लक्षण खत्म हो जाते है तो लोगों को लगता है की बीमारी भी खत्म हो गई। लेकिन, अभी भी बैक्टीरिया उसके अंदर मौजूद होता है। टाइफाइड बुखार बार-बार होने के पीछे का एक मुख्य रीजन यह भी हो सकता है कि आप दवाइयां का एक कोर्स नहीं चलाते हैं। जब भी आपके टाइफाइड का ट्रीटमेंट चल रहा हो आप बीच में दवाई ना रोक जब तक आपका डॉक्टर ना बोले।

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टाइफाइड कितने दिन तक रहता है

टाइफाइड के लक्षण

टाइफाइड बुखार नॉर्मली 1 से 3 सप्ताह तक रहती है। टाइफाइड बुखार का ठीक होना उसके जटिलताओं पर निर्भर करती है। यदि आपको ज्यादा दिन से टाइफाइड है या आपका टाइफाइड बिगड़ गया है तो उसको ठीक होने में समय लगता है। यदि टाइफाइड के कारण आपकी आंतों में छेद हो गई है। इंटरनल काफी ज्यादा ब्लीडिंग हो गई है, तो टाइफाइड ठीक होने में काफी समय लगता है।

टाइफाइड के लक्षण मैं पैथोलॉजिकल फाइंडिंग में व्हाइट ब्लड सेल का लेवल कम होना, प्लेटलेट्स का काफी कम हो जाना, स्नोफिल्स कम हो जाना यह सारी समस्याएं जटिलताओं को दर्शाती।

टाइफाइड कितने दिन तक रहता है. यह निर्भर करता है कि आपको साल्मोनेला टाइफ़ी बैक्टीरिया आपकी आंतों को कितनी नुकसान पहुंचाई है। यदि इन्फेक्शन के कारण आपकी आंतों में छेद हो गई है तो सर्जरी के माध्यम से उसको ठीक किया जाता है। यदि आपका टाइफाइड बुखार सर्जरी तक पहुंच गया है तो समझिए कि आपको ठीक होने में काफी समय लगेगा।

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टाइफाइड से बचाव के उपाय

टाइफाइड बुखार से संक्रमित व्यक्तियों को बचाना बेहद जरूरी होता है नहीं तो उनकी जान मौत पर भी आ सकती है। टाइफाइड बुखार से संक्रमित व्यक्ति की तो जान की बात अलग है, लेकिन उसके कारण टाइफाइड बुखार की फैलने की संभावना ज्यादा रहती है जिससे दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है और यह बीमारी फैल सकती है।

1. टाइफाइड से बचाव के उपाय के लिए आप वैसे व्यक्तियों से दूर रहे जो टाइफाइड बुखार से संक्रमित हो। टाइफाइड बुखार से संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से टाइफाइड फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। टाइफाइड बुखार से संक्रमित व्यक्ति टाइफाइड के लक्षण ज्यादा फैलाते हैं।

2. यदि आप टाइफाइड से संक्रमित हैं तो बाथरूम करके अच्छे से साफ सफाई कर दें जिससे दूसरों को न फैले।

3. टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति को खाने न बनाने दे या उसके द्वारा खाए हुए भोजन को भी ना खाए।

4. टाइफाइड से बचाव के उपाय के लिए सुध pऔर स्वच्छ आहार का सेवन करें। गंदे पानियों को ना पिए।

5. यदि आप कहीं ट्रैवल करने जाते हैं तो बोतल वाला पैकिंग पानी का उपयोग करें।

6. अपने अंडरवियर और कपड़ों को अच्छे से साफ सफाई करते रहें। समय-समय पर अपने हाथों को हैंड वॉश करते रहें।

7. टाइफाइड से बचाव के उपाय दूसरो के लिए भी जरूरी होता है। यदि संक्रमित सही से ख्याल न रखे तो इंफेक्शन फैल सकती है। वैसे में किचन में प्रवेश करने से पहले अपने हाथ और पांव को अच्छे से साफ सफाई कर ले जिससे इन्फेक्शन ना फैले।

8. बाहर रखे हुए खाना जैसे: स्ट्रीट फूड, समोसे, चाट आदि से बचें।

9. हमेशा पके हुए ताजा और गर्म भोजन का उपयोग करें जिससे बैक्टीरिया की सरवाइव करने की चांसेस खत्म हो जाए।

टीकाकरण

टाइफाइड से बचाव के उपाय के लिए टीकाकरण जरूरी होता हैं। NCBI के अनुसार टाइफाइड बुखार के चार वैक्सीन अभी तक बनी जो के निम्नलिखित एक एक कर के बताएं हैं।

Ty21a वैक्सीन

Ty21a वैक्सीन के तीन खुराक लगाने के बाद टाइफाइड के मामले 3 साल बाद लगभग आधे काम हो जाती है। एनसीबीआई रहती है कि इस वैक्सीन को लगाने के बाद प्लेसीबो के तुलना में यह टीका के कम साइड इफेक्ट  पाए गए हैं। जैसे: उल्टी, दस्त, मतली, पेट दर्द, सिर दर्द, लाल चकते होना।

वी-आरईपीए वैक्सीन

वी-आरईपीए वैक्सीन की दो खुराक लगाने पर 2 से 5 साल के बच्चों में टाइफाइड के 50 से 96% मामले कम हुए। प्लेसीबो की तुलना में इस वैक्सीन के दोनों खुराक देने पर मरीजों में बुखार की संभावना बढ़ गई और इंजेक्शन वाले स्थान पर सुजन पाया गया।

वीआई पॉलीसैकेराइड वैक्सीन

वीआई पॉलीसैकेराइड वैक्सीन की प्रथम डोस लेने के बाद टाइफाइड के मरीजों में पहले वर्ष दो तिहाई कमी पाई जाती है। प्लेसीबो की तुलना में इस वैक्सीन को लगाने के बाद टाइफाइड के मरीजों में बुखार की बढ़ोतरी नहीं हुई लेकिन इंजेक्शन वाले स्थान पर सूजन और दर्द को पाया गया।

वीआई-टीटी वैक्सीन

इसपर अभी रिसर्च चल रही है।

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए

टाइफाइड को एंटरिक फीवर के नाम से जाना जाता है। अब तक तो आप सबको मालूम चल गया होगा कि टाइफाइड हमारी आंतों को संक्रमित करने वाली एक बीमारी होती है। टाइफाइड बुखार में हमारा पेट इनफेक्टेड होने के कारण खान-पान पर ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। वैसे में आप यदि गलत खान-पान का सेवन करते हैं तो आपकी बीमारी और ज्यादा बिगड़ सकती है। टाइफाइड में क्या खाना चाहिए किस चीज पर बारीकी से निम्नलिखित बताया गया है।

Number 1. तरल पदार्थ का सेवन करें। 

टाइफाइड बुखार में अगर कुछ खाने की बात की जाए तो तरल पदार्थ का सेवन हमेशा करते रहना चाहिए। टाइफाइड बुखार में दस्त और उल्टी होने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। टाइफाइड हमारी छोटी आंख से संबंधित एक बीमारी होती है। हमारी छोटी आंत में पानी का अवशोषण होता है, लेकिन उसके इनफेक्टेड होने के कारण पानी की अवशोषण की प्रक्रिया में भी गड़बड़ी आ जाती है।

इन सभी समस्याओं के कारण टाइफाइड में पानी की कमी होना एक आम समस्या बन जाती है। टाइफाइड बुखार में पानी की कमी को दूर करने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। ऐसे फलों का सेवन करें जिसमें पानी की मात्रा पर्याप्त मात्रा में पाई जाती हो जैसे: संतरा, मौसमी, तरबूज, गन्ना और खीरा।

Number 2. ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन। 

ओमेगा 3 फैटी एसिड एक तेलिया पदार्थ होता है जो की मछलियों और कुछ खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जाता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो की टाइफाइड ज्वर के कारण हमारी आंतों में हुई सुजन को कम करके उनको राहत प्रदान करता है।

Number 3. अपने डाइट में डेयरी उत्पादों को खाए।

टाइफाइड बुखार में डेयरी उत्पादों को शामिल करने पर आपके अंदर भरपूर मात्रा में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का सोर्स प्राप्त होता है जिससे आप अपने आप को फला फूला हुआ महसूस करते हैं। डेयरी उत्पादों में दही और छाछ का उपयोग करने से उसमें उपस्थित बैक्टीरिया हमारी आंतों को सुरक्षा करके खाने को पचाने में सहायता करते हैं। टाइफाइड में दही का सेवन करने से कब्ज की भी समस्या दूर होती है और इंसान कोमल त्यागने में आसानी होती है।

Number 4. केला का सेवन करें।

केला को पौष्टिक आहार में से गिना गया है जिसको खाने के बाद कई सारे विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति होती है।  केला में उपस्थित पोटैशियम हमारे शरीर को ऊर्जा से भर देते हैं, और उसमें उपस्थित विटामिन सी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम करते हैं। टाइफाइड के मरीजों को वजन में कमी दिखाई देती है। वजन की कमी को पूरा करने के लिए केला काफी लाभकारी होता है।

Number 5. पपीते का सेवन करनी चाहिए। 

टाइफाइड एक ऐसी बीमारी है जिसमें प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। टाइफाइड में लोगों की प्लेटलेट्स की कमी को दूर करने के लिए पके हुए पपीता का सेवन करने से प्लेटलेट्स अकाउंट्स बढ़ती है। पपीते के पत्ते के रस का सेवन करने से काफी फायदा मिलता है। वैसे में आप टाइफाइड में पके हुए फल संतरा केला आदि को खा सकते हैं।

Number 6. कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें।

टाइफाइड में हुई कमज़ोरी को दूर करने के लिए कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन को लेना बहुत जरूरी होता है। वैसे में इन दो तत्वों को लेने से आपके शरीर को ताकत मिलती है जिससे रिकवरी में आसानी होती है।

Number 7. थोड़े-थोड़े खाए।

टाइफाइड हमारी पेट से संबंधित एक बीमारी होती है जिसमें हमारी पाचन क्रिया भी मंद पड़ जाती है। पाचन क्रिया को बेहतर बनाए रखने के लिए एकाएक ज्यादा खाने का सेवन नहीं करनी चाहिए। वैसे में आप थोड़े-थोड़े खाए और बार-बार खाए।

टाइफाइड में परहेज

टाइफाइड बुखार में खान-पान पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है। वैसे में शाब्दिक और शुद्ध आहार को करना टाइफाइड बुखार में हमारे पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है। टाइफाइड बुखार में छोटी आत संक्रमित हो जाती है जिससे सुरक्षित रखना बेहद जरूरी होता है। टाइफाइड में परहेज करने के लिए आप कोई भी भोजन खाए उसको पूरी तरीके से पका कर और गर्म- गर्म खाए।

  1. कच्ची सब्जियों और सलाद का सेवन न करें।
  2. बिना धोए हुए फल और फ्रूट्स को ना खाएं।
  3. बिना ढके हुए पानी को ना पिए।
  4. ठेला पर बिकने वाले फास्ट फ्रूट तथा किसी भी प्रकार के बाहरी खाने को ना खाएं।
  5. मसालेदार और तेलिया युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  6. किसी भी प्रकार के बीज का सेवन न करें क्योंकि उनको खाने से गैस बनती है।
  7. सभी प्रकार के मसाले से दूरी बनाए रखें।
  8. बर्फ और आइसक्रीम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। 
  9. कुछ दिन के लिए चिकन, मांस, मछलियों को बंद कर दें।

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