तिल्ली का बढ़ना, कारण, लक्षण और इलाज – 5 Interesting facts about spleen

तिल्ली क्या होती है

तिल्ली हमारे छाती के बाय हड्डियों के अंदर उपस्थित एक अंग होती है। इस आर्टिकल में हम तिल्ली का बढ़ना, तिल्ली बढ़ने के लक्षण और उपाय के ऊपर बात करने वाले हैं। तिल्ली पसलियों के अंदर पेट के ऊपरी हिस्सों में उपस्थित होती है जिसका काम श्वेत रक्त कोशिकाओं को निर्माण करना होता है। हमारे शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाएं तरह-तरह की संक्रमण से लड़कर हमारे शरीर की रक्षा करती है। तिल्ली जिसे लोग प्लीहा के रूप में भी जानते हैं, जो कि शरीर में रक्त भंडारण से लेकर के अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया को पहचान कर उनको रक्त से साफ करने का काम करता है।

तिल्ली का बढ़ना

तिल्ली का बढ़ना

वैसे तो तिल्ली (प्लीहा) का साइज 6 से 12 सेंटीमीटर और वजन 70 से 120 ग्राम तक होता है, लेकिन यदि इसका इसका साइज और वजन नॉर्मल से ज्यादा हो जाता है तो उसे तिल्ली का बढ़ना बोला जाता है। तिल्ली का साइज बढ़ने पर उसके द्वारा संचालित सारे कार्यों में बाधा आती है और इंसान काफी बड़ी समस्या में पड़ जाता है।

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तिल्ली बढ़ने के कारण 

तिल्ली के बढ़ने के कई सारे कारण हो सकते हैं जो की  आपको निम्नलिखित एक-एक करके बताए गए हैं।

  • तिल्ली का संक्रमण : परजीवी संक्रमण, जीवाणु संक्रमण, वायरल संक्रमण के कारण भी तिल्ली  का आकार आवश्यकता से अधिक बढ़ जाता है। इन संक्रमण में मलेरिया और एचआईवी के लक्षण सहित लीवर संबंधित बीमारियां भी होती है जो कि तिल्ली को अपने लपेटे में ले लेती है।
  • लीवर की बीमारियां : लीवर की बीमारियां में जैसे हेपेटाइटिस बी, क्रॉनिक हेपिटाइटिस में तिल्ली का बढ़ना सामान्य हो जाती है
  • रक्त रोग में : यदि आपको खून से संबंधित कोई समस्याएं होती है। ऐसी स्थिति जिसमें आपकी लाल रक्त कोशिकाएं खराब होकर टूटने लगती है। जब लाल रक्त कोशिकाएं ज्यादा मात्रा में टूटने लगती है तो उन खराब खून को साफ करने के दौरान हमारे तिल्ली की साइज आवश्यकता से अधिक बढ़ जाती है।
  • तिल्ली में ज्यादा मात्रा में खून जाना : हाई ब्लड प्रेशर या लीवर संबंधित बीमारियां जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं ज्यादा मात्रा में तिल्ली में प्रवेश करने लगती है। तिल्ली में लाल रक्त कोशिकाओं के दबाव के कारण तिल्ली का बढ़ना सामान्य हो जाता है।
  • रक्त का कैंसर : ल्यूकेमिया खून का एक ऐसा कैंसर है जिसमें श्वेत रक्त कोशिकाएं आवश्यकता से अधिक मात्रा में बनने लगती है। इन श्वेत रक्त कोशिकाओं को साफ करने के दौरान तिल्ली बढ़ जाता है।

तिल्ली बढ़ने के लक्षण

  1. पेट के ऊपरी हिस्से, बाएं तरफ की पसलियों के नीचे दर्द होना। 

  2. पेट में होने वाला दर्द कमर और बाएं हाथ के कंधे तक जाना। 

  3. भूख में कमी।

  4. एनीमिया के लक्षण कमजोरी और थकान महसूस होना।

  5. पेट के बाएं तरफ छूने पर मोटा अनुभव होना। 

  6. वायरल फ्लू के संक्रमण सर्दी जुकाम होना।

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तिल्ली बढ़ने के घरेलू उपाय

तिल्ली का बढ़ना

अगर सच्चाई की बात करें तो तिल्ली बढ़ने के कोई घरेलू प्राकृतिक उपाय नहीं होते हैं, लेकिन इसके सिंपटम को प्राकृतिक रूप से कम किया जा सकता है।

  • सूजन के लिए इलाज:-

तिल्ली का बढ़ना यानी तिल्ली में आवश्यकता से अधिक सूजन हो जाती है। पेट में हुई सुजन को प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व हल्दी सहित एंटीऑक्सीडेंट को अपने खाने में शामिल कर दें। एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल से लड़कर तिल्ली में हुई इंफेक्शन से आपकी सुरक्षा कर सूजन को भी कम करता है।

  • तनाव मुक्त रहे:-

यदि आपको कोई बीमारी है और आप उसमें तनाव करते हैं, तो वह समस्या और भी बढ़ सकती है। तनाव करने से आपके शरीर में सूजन और दर्द के साथ-साथ पाचन क्रिया भी बिगड़ सकती है जो कि आपका तिल्ली का बढ़ना और भी खतरनाक हो सकता हैं।तिल्ली बढ़ने के घरेलू उपाय में आप तनाव मुक्त रहें और टहलने जाएं , म्यूजिक सुने ऐसी सारी क्रियाएं करें जिसमें आप खुश रहें।

  • ताजा और नरम भोजन का सेवन करें

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