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पैरों की सूजन कैसे कम करें – With these 10 methods, swelling of the feet will disappear instantly

By healthmonitorhindi.com

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परिचय

हमारे शरीर में अगर किसी खास अंग की बात की जाए तो पैर का काफी महत्वपूर्ण योगदान है। पैर हमारे संपूर्ण शरीर का भार संभाले हुए एक अच्छी आकृति प्रदान कर शरीर को स्वस्थ और सुडौल देखने के लायक बनाता है। आजकल के लोगों के पैरों में सूजन आना एक आम समस्या बन गया है। पैरों की सूजन कैसे कम करें ? आज हम इस आर्टिकल में इस प्रश्न का जवाब जानने वाले हैं।

पैरों की सूजन कैसे कम करें

पैरों में सूजन की स्थिति को पेरीफेरल एडिमा के नाम से जाना जाता है। पैरों में होने वाली सूजन की समस्या को हिंदी में परिधीय शोफ के नाम से भी जानते हैं। लोगों के पैरों में होने वाली सूजन की अपनी-अपनी पहचान होती है, जो कि उनके व्यवहारिक जीवन में काफी ज्यादा बाधा डालती है।

पैरों में होने वाली सूजन में लेकर लोगों के चलने फिरने में कठिनाई से लेकर तरह-तरह के कामों को करने में काफी ज्यादा बाधा आती है। जब लोग चलते हैं तो उनके पैरों में सूजन होने के कारण ऐसा महसूस होता है, जैसे पैरों में कोई जंजीर बांध दिया है। ज्यादा समय तक खड़े रहना या पैर को लटकाए रहने से भी पैरों में सूजन आ जाती है। पैरों की सूजन कैसे कम करें ? पैरों में सूजन कम करने के लिए आप पैरों को ज्यादा समय तक नीचे की तरफ ना लटकाए।

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पैरों में सूजन आना 

पैरों में सूजन आना 

कारण

पैरों में सूजन आने का कई सारे कारण है, जिसको निम्नलिखित एक-एक करके बताया गया है।

लंबे समय तक एक ही पद में रहना : यदि आप लंबे समय तक खड़े रहते हैं या बस में ट्रैवल करते समय लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो आपके पैरों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे आपके पैरों में सूजन आ जाती है। पैरों की सूजन कैसे कम करें ? लंबे समय तक किसी एक स्थिति में ना रहे हमेशा अपनी पद बदलते रहे।

किडनी संबंधित समस्याएं: हमारे शरीर में किडनी का काम गंदगी को साफ करना होता है। यदि किसी कारणवश किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट आती है, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ की मात्रा बढ़ने लगती है। पैरों में सूजन आना किडनी के खराब होने के कारण भी होता है। शरीर में बढ़ी हुई गंदगी नीचे पैरों की तरफ जाकर जमने लगती है. और पैरों में सूजन आ जाती है।

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हृदय की कार्य क्षमता में कमी : हृदय की कार्यक्षमता में कमी के कारण भी पैरों में सूजन आ जाती है। हमारा दिल का काम होता है, खून को पूरे शरीर में पंप करके पहुंचाना। जब हृदय सही से पंप नहीं करता है, तो खून वापस पैरों में चली जाती है, जिससे पेरीफेरल एडिमा देखने को मिलता है।

गठिया संबंधित रोग : गठिया रोग में हमारे पैरों के छोटे-छोटे जोड़ों और घुटने प्रभावित होते है। इन रोगों में पैरों में सूजन होना यूरिक एसिड बढ़ने और कार्टिलेज के घिसने के कारण होता है।

दवाओं के नकारात्मक प्रभाव : कुछ दवाई ऐसी होती है जिसको खाने से पैरों में सूजन होने लगती है। बीपी कम करने वाली दवाई कैलशियम चैनल ब्लॉकर्स जैसे: amlodipine , दर्द निवारक दवाइयां जैसे: आइबुप्रोफेन, एस्टेरॉइड, वायरस के विरुद्ध लड़ने वाली दवाइयां और कीमोथेरेपी चलने वाली दवाइयां के कारण पैरों में सूजन हो जाता है।

अधिक मात्रा में नमक का सेवन : ज्यादा मात्रा में नमक का सेवन करने से हमारे ब्लड में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर का हाई होना और पैरों में तरल पदार्थ का जमना आम समस्या हो जाती है।

लंबे समय तक रक्त शर्करा में वृद्धि : हमारे खून में लंबे समय तक ग्लूकोस रहने के वजह से नसे और तंत्रिका कोशिकाएं की छती पहुंचने लगती है। इसके कारण हमारे पैरों में सूजन होने लगती है।

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थायराइड की समस्या में : hypothyroidism . जब हमारे शरीर में थायराइड हार्मोन की संख्या है कम बनने लगती है तो ऑटोइम्यून समस्याएं , टार्सल टनल सिंड्रोम  और सूजन बढ़ाने वाली तत्व बनने लगती है जिससे पेरीफेरल एडिमा देखने को मिलता है।

लक्षण

  1. पैरों में भारीपन महसूस होना।
  2. चलने फिरने में कठिनाई।
  3. पैरों में जकड़न होना।
  4. पैरों में झुनझुनी होना।
  5. उंगली से दबाने पर निशान पड़ना।
  6. त्वचा में तनाव और चमकदार दिखना।
  7. पैरों में दर्द।

पैरों की सूजन कैसे कम करें

पैरों में होने वाली सूजन को घरेलू उपचार और दवाइयां के मदद से दूर किया जा सकता है।

1. पैरों की सूजन कैसे कम करें मूत्रवर्द्धक दवा से।

मूत्रवर्धक एक दवा होती है, जिसको Diuretics के नाम से भी जाना जाता है। यह दवाई हमारे पैरों में सूजन के कारण जमी हुई पानी को पेशाब के जरिए बाहर निकाल कर पेरीफेरल एडिमा को कम करते हैं। मूत्रवर्धक दवाइयां लेने से हाई बीपी भी नियंत्रित रहता है. और फालतू पानी हमारे शरीर से बाहर निकल जाता है।

2. पैरों को लटकाना बंद करें।

यदि आपके पैरों में सूजन की समस्या रहती है तो पैरों को ज्यादा समय तक नीचे लटका कर न रखें। पैरों को ज्यादा समय तक नीचे लटका कर रखने से गुरुत्वाकर्षण तरल पदार्थ को पैरों की तरफ खींचता है, जिससे पैरों में सूजन आ जाती है।

3. Amlodipine खाना बंद करे ।

पैरों की सूजन कैसे कम करें? यदि आपको कैलशियम चैनल ब्लॉकर्स नाम की दवाइयां Amlodipine बीपी कम करने के लिए खाते हैं, तो इसको खाना बंद कर दें। लंबे समय तक Amlodipine खाने से पेरीफेरल एडिमा देखने को मिलती है।

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4. नमक खाना कम कर दे।

नमक सोडियम और क्लोरीन से मिलकर बना होता है। पैरों में सूजन आना शरीर में नमक की मात्रा बढ़ने का भी संकेत हो सकता है। ज्यादा मात्रा में नमक सेवन करने से सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पैरों में सूजन आने लगती है। पैरों की सूजन कैसे कम करें ? तो इसका सटीक जवाब है, नमक खाना कम कर दे।

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5. बर्फ के टुकड़े से सिखाई करें।

पैरों की सूजन कैसे कम करें बर्फ की सिखाई से। बर्फ की टुकड़ों से सूजन वाली जगह पर सिकाई करने पर वहां की खून की नसे सिकुड़ जाती है, जिससे रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है। सुजन वाली जगह पर रक्त का प्रवाह बंद होने के कारण सूजन धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।

6. सुजन का इलाज ओमेगा 3 फैटी एसिड।

ओमेगा 3 फैटी एसिड एक ऐसा नेचुरल सब्सटेंस है, जो की सुजन बढ़ाने वाली कोशिकाओं को खत्म करके सूजन को काम करती है। ओमेगा 3 फैटी एसिड जिसे मछली के तेल के नाम से भी जाना जाता है, जो प्रोस्टाग्लैंडीन और लुकोट्रिन जैसे केमिकल मैसेंजर को बाधित करके सूजन होने वाली क्रिया को कम करती हैं।

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7. दर्द निवारक दवा का सेवन करे।

दर्द निवारक दवाइयां जो की दर्द और सुजन से राहत दिलाता है। हमारे शरीर में प्रोस्टाग्लैंडइन और लुकोट्रिन नाम के केमिकल मैसेंजर रिलीज होते हैं जो की सूजन और दर्द का कारण बनते हैं। दर्द निवारक दवाइयां इन मैसेंजर को बाधित करके सूजन को कम करती है।

8. जैतून और अलसी का तेल लगाए।

जैतून और अलसी का तेल सूजन कम करने के लिए रावण साबित होते हैं। पैरों की सूजन कैसे कम करें तो आप जैतून और अलसी का तेल से मालिश कर सकते हैं। जैतून और अलसी के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होता है जो की सूजन जैसी समस्या को खत्म करके रोग से निदान दिलाता है।

9. पोटैशियम और मैग्नीशियम युक्त खाद पदार्थ खाए।

पोटेशियम एक ऐसा सप्लीमेंट है जो की शरीर में बढ़ी हुई सोडियम की मात्रा को कम करके सूजन जैसी समस्या को खत्म करता है। मैग्नीशियम हमारे शरीर में कैल्शियम के लोड को नियंत्रित करता है, जिससे सूजन भी नियंत्रण में रहता है।

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