तरबूज खाने से कैसे हुई एक लड़की की मौत
एक ऐसी फल जो की पानी से भरपूर बनी होती है देखने में तो हरी लेकिन अंदर से गुलाबी लाल कलर की होती है। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं वाटरमेलन यानी तरबूज की। गर्मियों के सीजन में फलने वाला या फल स्वाद में काफी टेस्टी होने कारण इसे बूढ़े और बच्चे काफी ज्यादा पसंद करते हैं। गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए भरपूर मिनरल्स और भरपूर विटामिन के लिए आप तरबूज का सेवन करते हैं लेकिन मैं बता दूं कि यही तरबूज आपकी जान का दुश्मन बन सकता है। आखिर कैसे इस आर्टिकल में हम जानेंगे तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
ये घटना है बिलारी ऋषिपुरम की जहां एक 20 वर्षीय लड़की सुबह चाय पीने के बाद सेब खाती है फिर घंटे भर के बाद तरबूज खाती है और उसके बाद उसे दस्त और उल्टी होने लगती है। प्राथमिक उपचार के लिए उसे ऋषिपुरम स्वास्थ्य केंद्र में लेकर भर्ती किया जाता है लेकिन मामला गंभीर बढ़ाते हुए उसे सेंट्रल के लिए रेफर कर दिया जाता है। रास्ते में ले जाते वक्त उसे लड़की की मौत हो जाती है। इस खबर को सुनते हैं पूरे जिले में सनसनी मच जाती है। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों द्वारा उसे बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भर्ती किया जाता है। पोस्टमार्टम करने पर डॉक्टर द्वारा रिपोर्ट बनाई जाती है कि उसने एरिथ्रोसिन नाम का केमिकल लिया था जो कि तरबूज में उपस्थित था।
इरिथ्रोसिन एक प्रकार का केमिकल होता है जो कि तरबूज को इंजेक्शन द्वारा रंग और पकने और बड़े होने के लिए दिया जाता है। जिससे मार्केट में गिरे बड़े और रंगीन तरबूज को लोग खरीदें और ज्यादा बिक्री हो।
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सही नेचुरल तरबूज की पहचान कैसे करें
इसके लिए आप एक कॉटन यानी रूई को तरबूज के लाल वाले हिस्से पर रगड़े यदि कॉटन का रंग लाल हो जाता है तो वह तरबूज मिलावटी यानी डुप्लीकेट है.और कॉटन का रंग लाल नहीं होता है तो समझे कि वह तरबूज ओरिजिनल नेचुरल रूप से निकाला गया हैं।
तो स्वच्छ रहे सतर्क रहें और डुप्लीकेट सामानों को खरीदने से पहले उनकी जांच पड़ताल कर ले।
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(Jai Hind)