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बथुआ साग
सर्दी का मौसम चल रहा है और लोग तरह-तरह के साग और सब्जियों का उपयोग करते हैं। उन्हीं सागो में से बथुआ काफी चर्चित है। इस आर्टिकल में हम बथुआ साग के फायदे और नुकसान के बारे में भरपूर जानकारी लेने वाले हैं। सर्दियों में होने वाले अनाज गेहूं और सरसों के खेतों में यह बथुआ पाया जाता है जिसको लोग बड़ी चाल से कहते हैं। बथुआ के साग अन्य सागो की मुकाबले में काफी स्वादिष्ट और लाजवाब होता है।
बिना पानी और बिना कोई लागत के यह साग तैयार हो सकता है। बथुआ साग के फायदे यह है कि इसमें कई तरह के विटामिन बी कंपलेक्स ( बी1, बी2, बी3, बी5, बी6 ) के साथ-साथ विटामिन ए, सी, डी और के भी पाए जाते हैं। बथुआ में उपस्थित यह सारे विटामिन हमारे शरीर को अंदर से काफी मजबूत और स्वस्थ बनाते हैं।
बथुआ साग में कई सारे विटामिन के अलावा भरपूर मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है। 200 ग्राम बथुआ साथ में लगभग 10 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है, जो कि नौजवानों के मसल्स को काफी मजबूत बनाता है। बथुआ साग के फायदे यह होते हैं कि इसमें भरपूर मात्रा में सोडियम, पोटैशियम, मैग्निशियम, जिंक, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस और मैंगनीज भी पाए जाते हैं।
बथुआ साग के फायदे (health benefits of bathua)
बथुआ साग खाने से हमारे शरीर के किन-किन अंगों पर या कौन-कौन से समस्याओं को दूर करने में सहायता मिलती है, चलिए एक-एक करके समझते हैं।
खून को साफ करें।
बथुआ के सांग को खाने से हमारे शरीर में उपस्थित खून को साफ करने में हमारे शरीर को काफी मदद मिलती है। इसमें उपस्थित खनिज फाइबर एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा 3 फैटी एसिड खून में जमी हुई गंदगी को साफ करके पेशाब के जरिए बाहर निकाल कर फेंक देती है।
सूजन को कम करें।
बथुआ साग के फायदे : बथुआ के साग में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो की शरीर में हुई सुजन को कम करके शरीर को स्वस्थ और दुरुस्त बनाते हैं। बथुआ के साग में उपस्थित ओमेगा 3 फैटी एसिड इन्फ्लेमेशन को कम करने में रामबाण साबित होता है। साथ ही साथ बथुआ के साग में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल से बचाकर सूजन को दूर करता है।
पाचन शक्ति मजबूत बनाएं।
बथुआ के साग खाने से हमारी पाचन क्रिया काफी मजबूत रहती है. और कोई भी खाना खाने पर आसानी से पच जाता है। बथुआ के साग में भरपूर मात्रा में पानी पाया जाता है जो कि हमारे आंतों और पेट को नमी प्रदान कर उनके कार्य क्षमता को बढ़ाता है। बथुआ के साग में फाइबर भी पाया जाता है जो की हमारे पेट में उपस्थित अच्छे बैक्टीरिया को स्वस्थ रख पाचन शक्ति बढ़ाता है।
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हड्डियों को मजबूती प्रदान करे।
हमारे शरीर हड्डियों के कंकाल से ढका हुआ है। इसके वजह से हम अपने शरीर में काफी मजबूती ला पाते हैं। हमारी हड्डियां कैल्शियम और फास्फोरस से मिलकर बनी होती है। बथुआ साग के फायदे यह है कि इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है जो कि हमारी हड्डियों के घनत्व को बढ़ाकर उनको मजबूत और स्वस्थ बनाता है।
बथुआ साग के फायदे: चेहरे पर निखर लाए।
बथुआ के साग खाने से हमारे चेहरे पर काफी निखार आती है। बथुआ के साग में भरपूर मात्रा में विटामिन बी कांप्लेक्स, विटामिन सी, विटामिन ई, कैल्शियम और अन्य कई प्रकार के मिनरल्स पाए जाते हैं जो कि हमारे त्वचा की एपिडर्मिस मैं अच्छे ब्लड सप्लाई को बढ़ाकर त्वचा को चमकदार और गोरा बनाते हैं।
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खून को बढ़ाए।
जिस व्यक्ति को एनीमिया होती है उस व्यक्ति में बथुआ के साग खाने से एनीमिया दूर हो जाती है। खून की कमी होने पर डॉक्टर आयरन और विटामिन बी कांप्लेक्स की गोलियां चलाते हैं। बथुए के साग में भरपूर मात्रा में विटामिन बी कांप्लेक्स, फोलेट और आयरन पाया जाता है जो की खून को बनाने में काफी सहायता करता है।
पीलिया (जौंडिस) को दूर करे।
यदि आप बथुआ के साथ का सेवन करते हैं तो पीलिया को दूर करने में काफी सहायता मिलती है। बथुए के साथ में ऐसा कई सारे न्यूट्रिएंट पाए जाते हैं जो की पीलिया में बढ़ी बिलुरिबिन को दूर करते हैं। यदि आप बथुए के साग में गिलोय मिलकर खाते हैं, तो जौंडिस को दूर करने में काफी सहायता मिलती है।
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bathua khane ke nuksan ( बथुआ खाने से नुकसान )
ऊपर लिखित लेख में हमने बथुआ खाने के फायदे के बारे में जाना है। अब निम्नलिखित आर्टिकल में हम बथुआ खाने के नुकसान के बारे में जानेंगे और यह भी जानेंगे कि किन लोगों को बथुआ का साग नहीं खानी चाहिए।
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प्रेगनेंसी में
जब महिलाएं गर्भधारण करती है तो उन्हें तरह-तरह के नियम और कानून का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को उनके खाने-पीने, चलने-फिरने और तरह-तरह के एक्टिविटी पर काफी ज्यादा ध्यान देना पड़ता है। वैसे में गर्भवती महिलाओं को बथुआ का साग नहीं खानी चाहिए। bathua khane ke nuksan यह है कि इसकी तासीर गर्म होने के कारण प्रेग्नेंट महिलाओं में मिसकैरेज होने का खतरा बढ़ जाता है।
- कैल्शियम की कमी में।
जिन लोगों में हाइपोकैल्सीमिया यानी कैल्शियम की कमी हो उन लोगों को बथुआ का साग नहीं खानी चाहिए। bathua khane ke nuksan : बथुआ के साग में कैल्शियम भी होता है, लेकिन इसमें ऑक्सलेट एसिड ज्यादा होने के कारण कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो पता है और शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। ऑक्सलेट एसिड ज्यादा होने के कारण हाइपोकैल्सीमिया में बथुआ का साग नहीं देना चाहिए।
- पतला पैखाना होने पर।
बथुआ के साग खाने से पतला पैखाना होने की आवृत्ति बढ़ जाती है। bathua khane ke nuksan यह होते हैं कि इससे लूज मोशन होने की संभावना बढ़ जाती है। बथुआ के साग में घुलनशील फाइबर पाया जाता है जो की पानी को काफी ज्यादा मात्रा में अवशोषित करता है। पानी अवशोषित होने के कारण हमारी आंतों में उपस्थित भोजन पतला हो जाता है, जिससे लूज मोशन की समस्या हो जाती है।
bathua khane ke nuksan एलर्जी। एलर्जी एक ऐसी समस्या है, जो लोगों के खान-पान पर काफी ज्यादा बाधा डालती है। जिन लोगों को बथुआ के साग खाने से खुजली या खांसी की समस्या होती है उन लोगों को बथुआ का साग नहीं खाना चाहिए।