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जॉन्डिस क्या होता है
जौंडिस एक ऐसी कंडीशन होती है जिसमें हमारे बॉडी के बाहरी भाग पीले दिखाई देने लगते हैं। पीलिया का इलाज क्या है जानने से पहले हम जान लेते हैं जौंडिस किसके कारण होती है। जौंडिस वायरल हेपिटाइटिस A, हेपेटाइटिस C के कारण फैलने वाली एक बीमारी है। यह बीमारी कंटामिनेटेड वॉटर गंदी खान और गंदी जगह पर रहने से होती है।
जैसे ही गर्मी का सीजन आता है लोगों में जॉन्डिस का मामला बढ़ते जाते हैं। अक्सर होता यह है कि गंदी चीजे का उपयोग करने से या हाथ साफ सुथरा नहीं रखने के कारण लोगों में हेपेटाइटिस सी और ए के वायरस प्रवेश कर जाते हैं। जब लोगों में जॉन्डिस होता है तो उनके लीवर प्रभावित होते हैं। जॉन्डिस होने पर हमारे लीवर में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन हो जाती हैं, जिससे हमारी लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर निकलने वाला एक पीला पदार्थ जिसे हम बिलुरबिन के नाम से जानते हैं, लिवर उसका सही से संसाधन नहीं कर पता है।
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जॉन्डिस रोग सबसे ज्यादा बूढ़े और बच्चे में देखने को मिलती है क्योंकि इन लोगों की इम्युनिटी थोड़ी कमजोर होती है। जब नवजात शिशु जन्म लेते हैं तो उनको एक दो दीन में या एक हफ्ते के अंदर उनको पीलिया जरूर सताती है। हमारा लीवर का काम होता है बिलीरुबिन को सही ढंग से उपयोग करके पित्त रस में कन्वर्ट कर देना।
जिन लोगों को पीलिया होती है उन लोगों में बिलीरुबिन का उपयोग नहीं हो पाने पर वह त्वचा नाखून आंखों के निचले वाला भाग में जमा हो जाती हैं जिससे हमारे बाहरी अंग पीला दिखाई देने लगते हैं।
पीलिया एक फैलने वाली बीमारी है। यदि आप एक संक्रमित पीलिया के मरीज के संपर्क में आते हैं, तो या उसके मल मूत्र या खाने के कांटेक्ट में आते हैं, तो आपको पीलिया होने की चांसेस काफी हद तक बढ़ जाती है। पीलिया का यदि समय पर इलाज न कराया जाए तो इसका असर दिमाग पर भी चढ़ सकता है, जिसके वजह से लेने के देने पड़ सकते हैं।
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जॉन्डिस क्या होता है, इसके क्या –क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
1. पेशाब का रंग पीला दिखाई देना ।
2. त्वचा, आंखों के निचले वाला भाग और नाखून का। पीला दिखाई देना।
3. सर दर्द होना।
4. अत्यधिक थकान कमजोरी महसूस होना।
5. भूख ना लगा ।
6. जी मचलना उल्टी होना है।
7. खाते समय वोमिटिंग टेंडेंसी होना।
8. बुखार होना ठंड लगना।
9. वजन कम होना है।
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छोटे बच्चो (जुवेनाइल) में जॉन्डिस के लक्षण ।
1. आखों की सफेदी में पीलापन पड़ना ।
2. पैरो के तलवे और हथेली पर पीलापन पड़ना।
3. नींद न आना।
4. पेसाब का गहरा पिला दिखाई देना।
5. मल का हल्का गहरा दिखाई देना।
6. बच्चे की एक्टिविटी कम हो जाना।
पीलिया होने पर डॉक्टर को कब दिखानी चाहिए।
यदि आपको लगे कि आपकी आंख, हाथ, पांव त्वचा में कुछ ज्यादा ही पीलापन दिखाई दे रहा है। पेशाब का रंग काफी गाढ़ा हो गया है, और पेट में दर्द भी हो तो यह वह समय स्थिति होती है जिसमें आपका पीलिया खराब हो सकता है। यदि आपका बच्चा काफी रो रहा है कुछ खा नहीं रहा है शरीर पूरा पीला पड़ गया है, तो यह सारी ऐसी स्थितियां होती है जिसमें आपको डॉक्टर से जल्द से जल्द दिखानी चाहिए।
जॉन्डिस क्या होता है इसके कितने प्रकार होते हैं।
पीलिया होने वाले वायरस के आधार पर पीलिया तीन प्रकार की होती हैं।
1. वायरल हेपेटाइटिस A
यदि किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस हो और उसके मल, मूत्र, खाने के कांटेक्ट में कोई और व्यक्ति आता है, तो उसको हेपेटाइटिस ए होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। हेपेटाइटिस ए मूवी जॉन्डिस हो जाती है उसे स्थिति में वैक्सीनेशन के जरिए उसको खत्म किया जाता है।
2. वायरल हेपेटाइटिस B
जॉन्डिस होने का कारण वायरल हेपेटाइटिस बी हो सकता है। हेपेटाइटिस B एक वायरल संक्रमण है जो की हेपेटाइटिस बी बैक्टीरिया सफलता है। हेपेटाइटिस बी में भी हमारा लीवर के सेल्स डैमेज हो जाते हैं, जिससे वह बिलीरुबिन का सही से संशोधन नहीं करते हैं। बिलीरुबिन का सही से संशोधन नहीं होने की वजह से हमारा शरीर पीला पड़ने लगता है और हमें पीलिया हो जाती है।
3. नॉन ए नॉन बी हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी के तरह ही इसमें भी हमारे लिवर के सेल्स डैमेज हो जाते हैं और बिलीरुबिन की संशोधन करने की क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे हमारे ब्लड में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है और हमारे बॉडी के बाहरी भाग पीले पड़नेल गते हैं।
जौंडिस से बचने के उपाय
Number 1. धनिया से पीलिया का इलाज।
एक गिलास पानी में 15-20 धनिया के दाने को भिगो करके उबाल ले उसके बाद उस पानी को पी जाए। पानी पीने के बाद जो धनिया का बीज बचता है उसे भी चबा– चबाकर आप खा सकते हैं। धनिया में मौजूदा तत्व आपके लिवर के अंदर की उपस्थित गंदगी को साफ करते हैं।
Number 2. गन्ने का जूस से पीलिया का इलाज।
पीलिया में गन्ने का जूस पीने से शरीर में बड़ी बिलीरुबिन की मात्रा को नियंत्रित करने में काफी सहायता मिलती है।
जॉन्डिस होने पर हमारे बॉडी में प्रोटीन की मात्रा घट जाती है उस प्रोटीन को मेंटेन करने के लिए गन्ने का जूस पीना बेहद फायदेमंद होता है।
गन्ने का जूस पीने से लीवर में उपस्थित गर्मी भी शांत होती है और लीवर की छती भी कम होती है।
Number 3. मूली का रस पीने से पीलिया का इलाज।
एक मूली को कद्दूकस कर ले फिर उसको पानी में भिगोकर रख दे सुबह उठते हैं उस पानी को पी जाए। पीलिया में मूली का रस शरीर में उपस्थित एक्स्ट्रा बिलीरुबिन को निकालने में सहायता करती है। जब हमारे शरीर से अधिक बिलीरुबिन बाहर निकल जाता है तो हमारी त्वचा आंखें और नाखून पीला होना कम दिखाई देने लगते हैं।
Number 4. नारियल पानी से पीलिया का इलाज।
पीलिया होने पर नारियल पानी पीने पर शरीर से एक्स्ट्रा बिलीरुबिन बाहर निकलती है जिससे शरीर का पीलापन खत्म होता है और पीलिया से आराम मिलती है। नारियल पानी में उपस्थित न्यूटृशियन हमारे शरीर में तत्वों की कमी को पूरा करते हैं
Number 5. गिलोय से पीलिया का इलाज।
गिलोय एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका चूरन यदि पीलिया के मरीज सेवन करते हैं तो रक्त में उपस्थित एक्स्ट्रा बिलीरुबिन को बाहर निकलने में सहायता मिलती है। आप चाहे तो गिलोय की पत्तियों को या चूर्ण को पीस करके सहद या गोलमिर्च पाउडर में मिलाकर के चाट सकते हैं।
जॉन्डिस होने पर क्या खाएं क्या ना खाएं।
• यदि आपको जॉन्डिस की समस्या है तो आप ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिए।
•तेल, मसाला, वसायुक्त खाद पदार्थों को कम खाएं।
•जंक फूड और बाहरी भोजन से दूर रहे।
•नमक, चाय, कॉफी का भी सेवन कम करें।
•ऐसी चीजों का सेवन न करें जिसको पचाने में आपके लिवर को ज्यादा मेहनत करनी पड़े।
•ठंडी चीज खाएं जिससे आपकी पेट को ठंडक मिले और आपकी लीवर की गर्मी शांत हो।