बच्चे हो या बूढ़े सबको डॉक्टर दूध पीने की सलाह देते हैं। आज हम बात करने वाले हैं wellhealthorganic buffalo milk tag के बारे में। जब बच्चे पैदा होते हैं तो 6 से 7 या 8 महीने तक वह दूध के सिवा कुछ नहीं खाते–पीते हैं। दूध एक ऐसा न्यूट्रिशन पदार्थ है जो की शरीर को ताकत और इच्छा शक्ति से भर देता है।
बच्चों की माताएं अपने बच्चों को कहीं जाने से पहले दूध पिला कर भेजती है और नौजवान एक्सरसाइज करके आते हैं, दौड़ करके आते हैं तो दूध पीते हैं। दूध में थकान दूर करने और दिमाग को एक्टिव करने की प्रॉपर्टी होती है, जिसको लोग स्वाद और सफ़ेद रंग होने के कारण बड़ी चाव से पीते हैं।
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भैंस के दूध का न्यूट्रिशन वैल्यू क्या है
(wellhealthorganic buffalo milk tag)
भैंस का दूध न्यूट्रिशन से भरा होता है और इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं।
(100 ग्राम भैंस के दूध में)
प्रोटीन — 3.75g
फैट — 6.89g
कार्बोहाइड्रेट — 5.18g
पानी — 83.4%
सोडियम — 52mg
मैग्निशियम — 31mg
कैलशियम — 169mg
एनर्जी — 97kcl
विटामिन B6 — 0.135mg
इसके अलावा भैंस के दूध में विटामिन बी12, कॉपर, पोटैशियम, विटामिन A,B,C और D पाए जाते हैं।
भैंस के दूध पीने के फायदे
Number 1. हड्डियों को मजबूत बनाएं।
भैंस के दूध में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। 250 ml भैंस के दूध में 412 mg कैल्शियम होता है। कैल्शियम हमारी हड्डियों और दातों को मजबूत बनाने से लेकर के हमारी मसल्स को भी मजबूती प्रदान करता है।
भैंस के दूध में उपस्थित विटामिन डी कैल्शियम को वहन करने का काम करता है और हमारे बॉडी के हड्डी और दातों के पास कैल्सियम पहुंच जाता है, जिससे उनको मजबूती प्रदान होती है और जल्दी टूटते हैं और गिरते नहीं है।
भैंस के दूध में उपस्थित कॉपर, मैग्नीशियम, जिंक और फास्फोरस हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या को खत्म करके उनसे छुटकारा दिलाते हैं।
Number 2. हाई बीपी को कंट्रोल करता है
भैंस के दूध में कैल्शियम पाया जाता है जो की नसों की मसल्स को लचीला बनाता है, जिससे वह चौड़ी हो जाती है। नसों मैं लचीलापन होने के कारण ब्लड सही से फ्लो करती है और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।
भैंस के दूध में पोटेशियम पाया जाता है जो की रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने का काम करता है, जिससे रक्त वाहिकाओं पर प्रेशर कम पड़ती है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो जाती है।
Number 3. कोलेस्ट्रॉल को कम करने में।
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भैंस के दूध में कोलेस्ट्रॉल कम होता है। हमारे शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं पहला LDL दूसरा HDL. भैंस का दूध कम घनत्व वाले लिपो प्रोटीन यानी LDL कोलेस्ट्रॉल को घटाने में काफी कारगर साबित होता है। LDL हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के नाम से जाना जाता है। भैंस के दूध पीने से खराब कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड का अस्तर काम होता है और दिल से संबंधित जोखिम भी काम हो जाती है।
Number 4. परिसंचरण तंत्र को सुधारे ।
भैंस का दूध पीने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी आराम मिलती है और कोलेस्ट्रॉल भी काम होता है। इसके कारण हमारी नसों में खून का फ्लो सही से होता है और हमारे बॉडी के अन्य अंगों के पास खून और ऑक्सीजन की मात्रा सही से पहुंच पाती है।
भैंस के दूध में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की एनीमिया जैसी कंडीशन से निजात दिलाता है और हमारे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति पुरी होती रहती है।
Number 5. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।
भैंस के दूध में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट कैल्शियम फॉस्फोरस मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कि हमारी इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ावा देते हैं और छोटी-मोटी वायरल बीमारियों से लड़ने में सहायता मिलती है।
भैंस के दूध पीने के नुकसान
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1. भैंस का दूध काफी ज्यादा प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है, जिसको पचाने में काफी ज्यादा दिखतों का सामना करना पड़ता है, वैसे मैं आपका पेट भी खराब हो सकता है।
2. भैंस का दूध पीने से काफी ज्यादा नींद की समस्या हो जाती है और बहुत ज्यादा मात्रा में नींद आने लगती है। इसके फायदे भी यह होते हैं की रात के समय पीने पर आपको अच्छी नींद आती है।
3. भैंस का दूध कोलेस्ट्रॉल के बढ़ाने की पॉसिबिलिटी को कम करता है लेकिन यदि आपका पहले से ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो आप भैंस का दूध से परहेज करें। बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल में भैंस का दूध पीने से कोलेस्ट्रॉल की समस्या और भी बढ़ सकती है।
4. कितने लोगों को भैंस के दूध से एलर्जी होती है, अथ्यार्थ उसको पीने से त्वचा पर चकते, सांस लेने में दिक्कत होना, अपच आदि की समस्या हो जाती है।
5. जिन लोगों को पाइल्स बवासीर की समस्या है उन लोगों में भैंस का दूध जोखिम को और बढ़ा सकता है।
6. यदि 5 साल या उसके नीचे के बच्चे भैंस का दूध पीते हैं, तो उनकी पाचन क्रिया खराब हो जाती है और आंख भी कमजोर हो जाती है।