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रसौली क्या होती है।
रसौली का घरेलू इलाज क्या है उसको जानने से पहले हम यह जान लेते हैं कि रसौली क्या होती है। रसौली जिसे आमतौर पर की भाषा में हम फाइब्रॉयड के नाम से भी जानते हैं। महिलाओं के योनि जिसे हम गर्भाशय के नाम से भी जानते हैं. उसकी आंतरिक दीवारों की कोशिकाओं में असामान्य गांठे बन जाती है जो की नॉन कैंसरस होती है।
आजकल के समय में महिलाओं के योनि में गांठ बनना एक आम समस्या हो गई है। आमतौर पर बच्चेदानी में गांठ बनने पर कोई दर्द या लक्षण दिखाई नहीं देते हैं लेकिन जब यह समस्या बिगड़ जाती है, तो कई सारे लक्षण नजर आते हैं।
रसौली क्यों होती है
आमतौर पर देखा जाए तो रसौली होने का मुख्य रीजन निम्नलिखित हो सकते हैं, लेकिन इन सभी कारणों में रसौली का साइज को बढ़ाने में एस्ट्रोजन हार्मोन का मुख्य काम होता है। स्टूडेंट हार्मोन जितनी ज्यादा बनता है रसौली की साइज भी उतनी ही ज्यादा बढ़ती है। एक समय ऐसा आता है की रसौली का आकार ज्यादा बढ़ जाने के कारण प्रोजेस्टेरोन हार्मोन भी उसके आकार को बढ़ाने में मदद करता है।
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रसौली होने का मुख्य कारण:
1. गर्भाशय की संरचना में बदलाव
2. थकान और तनाव
3. संक्रमण
4. बढ़ती उम्र
5. हार्मोनल असंतुलन
6.जेनेटिक कारण
7.गर्भाशय की अन्य बीमारियां,
8.ज़्यादा बढ़ाव
9.शारीरिक असंतुलन, जैसे ज़्यादा मोटापा
रसौली का नार्मल साइज ?
रसौली का नार्मल साइज 2.5 से ले कर के 3.5 तक होता है। रसौली का साइज व्यक्तियों के स्थिति के अनुसार निर्भर करता है। एक रसौली की साइज शुरुआत में एक मटर के दाने के आकार से लेकर के पुरानी होती हैं और एक तरबूज की साइज के बराबर भी हो सकती है।
रसौली की साइज तब बढ़ने लगती है जब महिलाएं गर्भधारण करती है। जब महिलाएं गर्भधारण करती है तो उसके पेट में पल रहा भ्रूण जितनी ही ज्यादा विकास करता है, उसके गर्भाशय में उपस्थित रसौली का साइज भी उतना ही तेजी से बढ़ने लगता है।
बढ़ती हुई रसौली की साइज से परेशान महिलाएं “रसौली का घरेलू इलाज” खोजने लगते हैं जो की निम्नलिखित दर्शाया गया है।
रसौली का घरेलू इलाज
Number 1. हल्दी का सेवन करने से।
हल्दी ऐसी एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका वर्णन काफी गंभीरता से किया जाता है। हल्दी में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, और हल्दी में उपस्थित गुण सुजन और कैंसर सेल्स को मारकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
•हल्दी में करक्यूमिन नाम का एक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो की रसौली होने के कारण पेट में हुई सुजन को कम करता है और मुक्त करोड़ से बचा करके इन्फ्लेमेशन से राहत दिलाता है।
•रसौली होने पर हमारी गर्भाशय में उपस्थित कोशिकाओं की लगातार वृद्धि होती रहती है जिससे गांठ की साइज बढ़ती जाती है । हल्दी में उपस्थित एंटी-प्रोलिफ़ेरेटिव कोशिकाओं में वृद्धि करने वाले कैंसर सेल को रोककर रसौली की बढ़ती साइज को रुका देता हैं।
Number 2. रसौली का घरेलू इलाज अदरक
हम सबको तो यह पता है कि जब चोट लगती है या खांसी होती है या ऐसी कोई भी स्थिति हो हमलोग अदरक का होम रिमेडी जरूरी उसे करते हैं। मैं बता दूं की अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो की रसौली के कारण हुई सृजन को काम करके दर्द से काफी आराम दिलाते हैं।
Number 3. रसौली का घरेलू इलाज त्रिफला चूर्ण
रसौली के इलाज के लिए त्रिफला चूर्ण भी काफी सहायता करता है। त्रिफला चूर्ण तीन घटकों (आमलकी, हरीतकी और बिभीतकी) से मिलकर बना होता है। आमलकी जिसमें एंटी कैंसर गुण होता है, जो की फाइब्रॉयड में बढ़ती हुई कोशिकाओं को रोक करके उसकी साइज को रोकता है।
अक्सर महिलाओं में रसौली होने पर पैखाना करने में काफी दिक्कत होता है और उन्हें कब्ज की समस्या हो जाती है। इस स्थिति में महिलाएं त्रिफला चूर्ण का सेवन करती है, तो त्रिफला चूर्ण में उपस्थित हरीतकी और बिभीतकी लैक्सेटिव की तरह काम करते हैं और पेट को साफ करने में मदद करते हैं।
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Number 4. रसौली का घरेलू इलाज आंवला से
यदि आपको फाइब्रॉयड का समस्या है तो आवाले का उपयोग करने से बढ़ती हुई रसौली को कंट्रोल करने में काफी सहायता मिलेगी।