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grade 1 fatty liver क्या होती हैं।
ग्रेट 1 फैटी लिवर एक ऐसी कंडीशन है जिसमें इंसान की लीवर में असामान्य सूजन आने लगती है, सामान्य भाषा में बोले तो लीवर की साइज थोड़ी बढ़ जाती है। नए जमाने में लोग नई लाइफस्टाइल के साथ जी रहे हैं। लोग तरह-तरह के भजन और पकवानों का सेवन करने की वजह से उनके लीवर पर काफी ज्यादा असर पड़ती है।
जब भी हम कुछ खाते हैं तो हमारी खाने को पचाने के लिए लीवर कई तरह की एंजाइम को छोड़ता है जो कि हमारे खाने को पचाती है। जब आप ज्यादा मात्रा में तेल मसाला या फास्ट फूड खाते हैं तो उन चीजों को पचाने के लिए आपके लवर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जिसका डायरेक्ट असर उनकी कोशिकाओं पर पड़ता है।
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grade 1 fatty liver में लीवर के साथ क्या होता हैं।
हमारा लीवर जिसके अंदर हेपेटोसाइट्स नाम की कोशिका पाई जाती है। जब इंसान को ग्रेड 1 फैटी लिवर होता है तो लीवर के अंदर उपस्थित इस कोशिका में आवश्यकता से अधिक मात्रा में है वसा का जमा हो जाता है। फैटी लीवर होने की वजह से कोशिका में वसा तो जमती है साथ ही साथ सूजन की भी समस्या आ जाती है और इंसान काफी परेशानियों को झेलने लगता है।
grade 1 fatty liver क्यों होता हैं।
ग्रेट 1 फैटी लीवर होने के कई सारे कारण हो सकते हैं जिसमें से कुछ को निम्नलिखित दर्शाया गया है।
Number 1. अत्यधिक शराब पीना।
अत्यधिक शराब पीने से ग्रेड वन फैटी लीवर होने की चांसेस ज्यादा बढ़ जाती है इस समस्या को हम अल्कोहॉलिक फैटी लीवर के नाम से जानते हैं। शराब में भरपूर मात्रा में कैलोरी पाई जाती है। जब इंसान शराब पीता है तो शराब में उपस्थित कैलोरी को हमारा शरीर वास में बदल देता है जो की लीवर की कोशिकाओं में जाकर जमा हो जाता है। लीवर की कोशिकाओं में जमा होने के कारण ग्रेड 1 फैटी लीवर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
जब इंसान शराब पीता है तो लीवर उस शराब का पाचन करने के दौरान उसकी कुछ कोशिकाएं मर जाती है। हालांकि हमारा लीवर और मरे हुए कोशिकाओं की जगह नई कोशिका को बना लेती है लेकिन जब हम ज्यादा मात्रा में शराब पीते हैं तो हमारे लीवर की ज्यादा मात्रा में छती होने लगती है जिसको ठीक करना मुश्किल हो जाता है।
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Number 2. मधुमेह टाइप 2 डाइबेटिक का होना।
जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटिक होती है उन लोगों में फैटी लीवर होने की चांसेस काफी ज्यादा रहती है। टैप टू डायबीटीज और फैटी लिवर दोनों मेटाबॉलिक क्रियाएं से जुड़ी होती है। इन दोनों स्थितियों में हमारी मेटाबॉलिक प्रक्रिया बिगड़ जाती है, जिससे वसा का निर्माण ज्यादा होने लगता है और फैटी लीवर एक आम समस्या बन जाती है।
टाइप 2 डायबिटिक में इंसुलिन प्रतिरोध भी हो जाता है, जिसके कारण हमारे शरीर में उपस्थित ग्लूकोज का प्रॉपर उपयोग नहीं हो पता है। इस उस समस्या में भी फैटी लीवर होने की चांसेस ज्यादा रहती है।
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Number 3. अत्यधिक खाना खाने या मोटापे से।
जो लोग मोटे होते हैं उन लोगों में ग्रेड वन फैटी लीवर आम समस्या होती है। अत्यधिक खाने से हमारे शरीर में ज्यादा मात्रा में कैलोरी जाती है, जिसको हमारा शरीर आवश्यकता अनुसार उपयोग करके बाकी कैलोरी को वसा में बदल देती है। हमारे शरीर में उपस्थित वास हमारी मांसपेशियों और लीवर की कोशिकाओं में जाकर जमा हो जाती है, जिससे वजन का बढ़ना और फैटी लीवर की समस्या बन जाती है।
Number 4. जेनेटिक समस्या।
ग्रेट 1 फैटी लीवर का होता है जेनेटिक समस्या भी हो सकती है। यदि आपके परिवार में किसी को खासकर यदि आपके मम्मी पापा को ग्रेड वन फैटी लीवर की समस्या है तो फ्यूचर में आपको भी या तत्काल में ग्रेड वन फैटी लिवर हो सकता है।
grade 1 fatty liver symptoms ( लक्षण) क्या हैं
ग्रेट 1 फैटी लीवर के निम्नलिखित लक्षण है।
* पेट के ऊपरी हिस्सों में दाहिने तरफ दर्द होना या भारीपन महसूस होना।
* भूख में कमी होना है।
* वजन का घटना।
* अत्यधिक थकान महसूस होना।
* कमजोरी महसूस होना है।
* आंख त्वचा और नाखून का पीला हो जाना।
* उल्टी या खाने के बाद उल्टी जैसा मन होना।
* थोड़ा सा खाने के बाद भी पेट का भरा–भरा महसूस होना।
grade 1 fatty liver sgpt leve
Sgpt हमारे लीवर द्वारा स्रावित एक एंजाइम होता है जिसका नार्मल रेंज 8 – 45 यूनिट/ लिटर होता है। यदि कोई इंसान जिसे sgpt का रेंज 45 से ऊपर या 51 के आसपास है तो उसे ग्रेट 1 फैटी लीवर हो सकता है।
grade 1 fatty liver treatment in hindi
फैटी लीवर के उपचार क्या है।
Number 1. नारियल पानी का सेवन करें।
फैटी लीवर होने पर नारियल पानी का सेवन करने से लिवर में उपस्थित असुद्धि को बाहर निकलने में काफी सहायता मिलती है। नारियल पानी पीने से हमारे लीवर को ठंडक मिलती है, जिससे उसकी गर्मी भी शांत होती है और फैटी लीवर से राहत मिलती है।
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Number 2. दही का सेवन करें।
ग्रेट 1 फैटी लिवर में दही का सेवन करने से हमारे लीवर को काफी ज्यादा ठंडक मिलती है। दही में उपस्थित विटामिन सी हमारे मेटाबॉलिक प्रक्रिया को सुधरता है, जिससे लिवर में जमा हुई फैट आसानी से बाहर निकल जाती है।
दही में उपस्थित प्रोबायोटिक गुण एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को घटकर के लीवर के छाती को कम करते हैं।
Number 3. आवाले का सेवन करने से।
यदि आप ग्रेड वन फैटी लिवर में आवाले का सेवन करते हैं तो इसमें उपस्थित विटामिन सी आपकी लीवर की कार्य क्षमता को सुधरता है। विटामिन सी लीवर में उपस्थित टॉक्सिन को बाहर निकाल कर के लिवर को स्वस्थ और दुरुस्त बनाती है।
Number 4. साबुत अनाज का सेवन करें।
ग्रेट 1 फैटी लीवर होने पर साबुत और हल्के अनाज का सेवन करना चाहिए। साबुत अनाज एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर होता है। साबुत अनाज में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट लीवर के सेल्स को फ्री रेडिकल से बचाकर के सुरक्षा करता है। एंटीऑक्सीडेंट लीवर सोरायसिस होने की खतरा को भी कम करता है।
Number 5. grade 1 fatty liver मैं लौकी का जूस।
यदि आपको ग्रेड वन फैटी लीवर है और आप लोगों का जूस सेवन करते हैं यह आपको काफी ज्यादा फायदा देता है। लौकी के जूस में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो की लीवर में उपस्थित वसा को जलाने का काम करता है।
लौकी के जूस में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो की लीवर में हुई सुजन को कम करके ग्रेट 1 फैटी लीवर से राहत दिलाते हैं।
Number 6. ओमेगा 3 फैटी एसिड का उपयोग।
एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि जिन लोगों को फैटी लीवर की समस्या है, उन लोगों में ओमेगा 3 फैटी एसिड देने पर काफी ज्यादा राहत मिली। ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारे लीवर में जमा हुए वास को तोड़ने का काम करती है। ओमेगा 3 फैटी एसिड लीवर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाले नुकसानों को कम करके लीवर की समस्याओं से बचाती है।